Saturday, March 7, 2009

सोच के पूरे मत हो कभी, यह काम हो नहीं सकता
चार कदम तो बढ़ चलो कोइ काम रुक नहीं सकता

॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ राजेश बिस्सा
जीवन जीने का जज्बा लिए हौसले के साथ जो चलते है
खुशिया के साथ में तरक्की हमसाया बनकर खड़ी होती है


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